लोग तन्हाइयों में फ़ना हो गए
जो बचे वो तेरे आशना हो गए
बेरुख़ी का न इल्ज़ाम दीजे हमें
आप ही ख़ुद मरीज़े-अना हो गए
रहबरी के लिए मुंतख़ब जो हुए
रहज़नों के वही सरग़ना हो गए
हालिया दौर के रहनुमा हैं वही
बीच दरबार जो बरहना हो गए
आलिमों की ज़ुबां लड़खड़ाने लगी
तंज़ के लफ़्ज़ हम्दो-सना हो गए
मालिकों की अदा मख़्मली हो गई
दस्ते-मज़दूर जब आहना हो गए
बुत ख़ुदा की तरह पेश आने लगे
अक्स ही वक़्त का आइना हो गए
आग फ़िर्दौस में हम लगा आए जब
आह दर आह आतशज़ना हो गए !
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: तन्हाइयों : एकांतों; फ़ना : नष्ट; आशना : प्रेमी, साथी; बेरुख़ी : उपेक्षा; इल्ज़ाम : दोष, आरोप; मरीज़े-अना : अहंकार के रोगी; रहबरी : नेतृत्व; मुंतख़ब : निर्वाचित; रहज़नों : डकैतों, लुटेरों; सरग़ना : मुखिया; हालिया : वर्त्तमान; दौर : कालखंड; रहनुमा : मार्गदर्शक; दरबार : राजसभा; बरहना : नग्न, निर्वस्त्र; आलिमों : विद्वानों; ज़ुबां : भाषा; तंज़ : व्यंग्य; लफ़्ज़ : शब्द; हम्दो-सना : विरुद और प्रार्थना; अदा : हाव-भाव; दस्ते-मज़्दूर : श्रमिकों के हाथ; आहना : इस्पाती; बुत : मूर्तियां; पेश : प्रस्तुत, व्यवहार करना; अक्स : प्रतिच्छाया, प्रतिबिंब; फ़िर्दौस : स्वर्ग; आतशज़ना : चकमक, आग जलाने वाला पत्थर ।
जो बचे वो तेरे आशना हो गए
बेरुख़ी का न इल्ज़ाम दीजे हमें
आप ही ख़ुद मरीज़े-अना हो गए
रहबरी के लिए मुंतख़ब जो हुए
रहज़नों के वही सरग़ना हो गए
हालिया दौर के रहनुमा हैं वही
बीच दरबार जो बरहना हो गए
आलिमों की ज़ुबां लड़खड़ाने लगी
तंज़ के लफ़्ज़ हम्दो-सना हो गए
मालिकों की अदा मख़्मली हो गई
दस्ते-मज़दूर जब आहना हो गए
बुत ख़ुदा की तरह पेश आने लगे
अक्स ही वक़्त का आइना हो गए
आग फ़िर्दौस में हम लगा आए जब
आह दर आह आतशज़ना हो गए !
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: तन्हाइयों : एकांतों; फ़ना : नष्ट; आशना : प्रेमी, साथी; बेरुख़ी : उपेक्षा; इल्ज़ाम : दोष, आरोप; मरीज़े-अना : अहंकार के रोगी; रहबरी : नेतृत्व; मुंतख़ब : निर्वाचित; रहज़नों : डकैतों, लुटेरों; सरग़ना : मुखिया; हालिया : वर्त्तमान; दौर : कालखंड; रहनुमा : मार्गदर्शक; दरबार : राजसभा; बरहना : नग्न, निर्वस्त्र; आलिमों : विद्वानों; ज़ुबां : भाषा; तंज़ : व्यंग्य; लफ़्ज़ : शब्द; हम्दो-सना : विरुद और प्रार्थना; अदा : हाव-भाव; दस्ते-मज़्दूर : श्रमिकों के हाथ; आहना : इस्पाती; बुत : मूर्तियां; पेश : प्रस्तुत, व्यवहार करना; अक्स : प्रतिच्छाया, प्रतिबिंब; फ़िर्दौस : स्वर्ग; आतशज़ना : चकमक, आग जलाने वाला पत्थर ।