ख़्वाब ताज़ा गुलाब होते हैं
ख़्वाहिशों का जवाब होते हैं
वो: अगर बेख़ुदी में मिलते हैं
शायरी की किताब होते हैं
दिल में अरमान जब मचलते हैं
जोशे - मौजे - चनाब होते हैं
बर्क़ जैसे दिलों पे गिरती है
आप जब बे-हिजाब होते हैं
रोज़ हम राह से गुज़रते हैं
रोज़ ईमां ख़राब होते हैं
ख़्वाब में मिल गए, ग़नीमत है
घर में कब-कब जनाब होते हैं ?
अश्के-तन्हाई देख लें गिन कर
हसरतों का हिसाब होते हैं !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ख़्वाहिशों: इच्छाओं; बेख़ुदी: आत्म-विस्मृति; बर्क़: तड़ित, आकाशीय विद्युत; बे-हिजाब: निरावरण;
जोशे-मौजे-चनाब: चनाब, पंजाब में बहने वाली एक नदी; की लहरों का उत्साह; अश्के-तन्हाई: एकांत के अश्रु ।
ख़्वाहिशों का जवाब होते हैं
वो: अगर बेख़ुदी में मिलते हैं
शायरी की किताब होते हैं
दिल में अरमान जब मचलते हैं
जोशे - मौजे - चनाब होते हैं
बर्क़ जैसे दिलों पे गिरती है
आप जब बे-हिजाब होते हैं
रोज़ हम राह से गुज़रते हैं
रोज़ ईमां ख़राब होते हैं
ख़्वाब में मिल गए, ग़नीमत है
घर में कब-कब जनाब होते हैं ?
अश्के-तन्हाई देख लें गिन कर
हसरतों का हिसाब होते हैं !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ख़्वाहिशों: इच्छाओं; बेख़ुदी: आत्म-विस्मृति; बर्क़: तड़ित, आकाशीय विद्युत; बे-हिजाब: निरावरण;
जोशे-मौजे-चनाब: चनाब, पंजाब में बहने वाली एक नदी; की लहरों का उत्साह; अश्के-तन्हाई: एकांत के अश्रु ।