Translate

शनिवार, 19 अगस्त 2017

एहसां जताने लगे...

ज़रा-से  करम  को  ज़माने  लगे
ख़ुदा  रोज़   एहसां   जताने  लगे

नज़र  में   न  थे  तो   परेशां  रहे
नज़र  में  लिया  तो  सताने  लगे

संवरना  हमीं  ने  सिखाया  उन्हें
हमीं  को   अदाएं   सिखाने  लगे

इसे  रहज़नी  के  सिवा  क्या  कहें
कि  दिल  छीन  कर  खिलखिलाने  लगे

तबीबे-मुहब्बत   चुना  था  जिन्हें
उन्हें  ज़ख्मे-दिल  भी  बहाने  लगे 

निगाहें  बचा  कर  निकल  जाएंगे
अगर  हम   उन्हें   आज़माने  लगे

बहुत  रोएंगे    याद  करके    हमें
जिन्हें  उम्र  भर  हम  दिवाने  लगे  

बुरा  वक़्त  है     रौशनी  के  लिए
कि  ज़र्रे  भी  जल्वा  दिखाने  लगे

न  साहिल  मिले  तो  भंवर  ही  सही
सफ़ीना  कहीं  तो  ठिकाने  लगे  !

                                                                       (2017)

                                                                  -सुरेश  स्वप्निल 

शब्दार्थ: करम: कृपा; ज़माने: युगों; एहसां: अनुग्रह; अदाएं: भंगिमाएं; रहज़नी: मार्ग में लूट-मार; तबीबे-मुहब्बत: प्रेम का उपचार करने वाला; ज़ख्मे-दिल: हृदय के घाव; रौशनी: प्रकाश, विवेक; ज़र्रे: सूक्ष्म कण; जल्वा: ईश्वर की भांति प्रकट होना; साहिल: तट; सफ़ीना: नौका। 



बुधवार, 16 अगस्त 2017

पास बेक़रारों का ...

क़त्ल  करके  हसीं  बहारों  का
तन  गया  सर  रसूख़दारों  का

लाशे-अत्फ़ाल  रौंद  कर  ख़ुश  हैं
तुफ़ ! ये:  किरदार  ताजदारों  का

मुंह  छुपा  लें  कि  सर  कटा  डालें
है  पसोपेश  शर्मसारों  का

है  हमारी  कमी  कि  क़ायम  है
दबदबा  ज़ुल्म  के  इदारों  का

जल  न  जाए  ज़मीन  जन्नत  की
ख़ूं  बहुत   बह  चुका   चिनारों  का

जब्र  की  इंतिहा  अगर  होगी
सब्र  चुक  जाएगा  क़तारों  का

वो:  फ़रिश्तों  के  हुस्न  में  गुम  हैं
है  हमें  पास  बेक़रारों  का

इश्क़  ही  आख़िरी  मुदावा   है
रूह  पर  पड़  गई  दरारों  का !

                                                                       (2017)

                                                                -सुरेश  स्वप्निल 

शब्दार्थ: क़त्ल: हत्या; हसीं: सुंदर; बहारों: बसंतों; सर: शीश; रसूख़दारों: प्रभावशाली लोगों; लाशे-अत्फ़ाल: शिशुओं के शव;  तुफ़: धिक्कार है; किरदार: चरित्र; ताजदारों: मुकुटधारियों, सत्ताधीशों; पसोपेश: दुविधा; शर्मसारों: लज्जित समूहों; क़ायम: शेष, स्थापित; दबदबा: प्रभुत्व; :ज़ुल्म: अत्याचार; इदारों: संस्थानों; जन्नत: स्वर्ग; चिनारों: कश्मीर घाटी में  पाया जाने वाला एक सुंदर वृक्ष; जब्र: अन्याय, बल का अनुचित प्रयोग; इंतिहा: अति; सब्र: धैर्य; क़तारों: पंक्तियों; फ़रिश्तों: देवदूतों (के समान व्यक्तियों); हुस्न: सौंदर्य; गुम: खोए हुए; पास: चिंता, पक्षधरता, ध्यान; बेक़रारों: व्यग्र व्यक्तियों; इश्क़: असीम प्रेम; मुदावा: उपचार; रूह: आत्मा; दरारों: संधियों।