अजब मुश्किल में ये: दिल आ गया है
मेरी नज़रों में क़ातिल आ गया है
हुए वो: नाख़ुदा तूफ़ाँ में मेरे
न जाने कब ये: साहिल आ गया है
असर तेरी छुवन का हम भी देखें
तेरे क़दमों में बिस्मिल आ गया है
मेरे माशूक़ का पैग़ाम ले कर
मेरे कमरे में बादल आ गया है
ख़ुदारा अब तो लग जाओ गले से
सफ़र करते हैं मक़तल आ गया है
बड़ी शिद्दत से तेरी याद आई
बड़ी मुश्किल में ये: दिल आ गया है।
(2006)
- सुरेश स्वप्निल