जब्र से बंदा बनाना ठीक है ?
और फिर एहसां जताना ठीक है ?
रिंद को मजबूर करके ख़ुम्र से
शैख़ को सेहरा सजाना ठीक है ?
क्या हक़ीक़त है सुने-समझे बिना
ग़ैर पर तोहमत लगाना ठीक है ?
मुफ़्लिसो-मज़्लूम की छत छीन कर
ताजिरों को सर चढ़ाना ठीक है ?
आदमी को हाशिये पर डाल कर
ज़ार का जन्नत बसाना ठीक है ?
शाह का सारे फ़राईज़ भूल कर
इशरतों में ज़र लुटाना ठीक है ?
जब मज़ाहिब में अक़ीदत ही नहीं
ख़्वाब हूरों के दिखाना ठीक है ?
तूर पर हमको बुला कर आपका
आस्मां से मुस्कुराना ठीक है ?
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: जब्र : बल ; बंदा : भक्त, अनुयायी ; एहसां : अनुग्रह ; रिंद : मद्यप ; ख़ुम्र : मदिरा ; शैख़ : धर्मोपदेशक ; सेहरा : वर को पहनाया जाने वाला शिरो-वस्त्र, पगड़ी ; हक़ीक़त : यथार्थ, वास्तविकता ; ग़ैर : अन्य ; तोहमत : आरोप, दोष ; मुफ़्लिसो-मज़्लूम : वंचित-दलित ; ताजिरों : व्यापारियों ; हाशिये : सीमांत ; ज़ार : निरंकुश शासक ; जन्नत : स्वर्ग ; फ़राईज़ : कर्त्तव्य (बहुव.) ; इशरतों : विलासिताओं ; ज़र : धन, स्वर्ण ; मज़ाहिब : धर्म (बहुव.) ; अक़ीदत : आस्था ; ख़्वाब : स्वप्न ; हूरों : अप्सराओं ; तूर : एक मिथकीय पर्वत, ईश्वर के प्रकट होने का स्थान ; आसमां : आकाश, स्वर्ग ।
और फिर एहसां जताना ठीक है ?
रिंद को मजबूर करके ख़ुम्र से
शैख़ को सेहरा सजाना ठीक है ?
क्या हक़ीक़त है सुने-समझे बिना
ग़ैर पर तोहमत लगाना ठीक है ?
मुफ़्लिसो-मज़्लूम की छत छीन कर
ताजिरों को सर चढ़ाना ठीक है ?
आदमी को हाशिये पर डाल कर
ज़ार का जन्नत बसाना ठीक है ?
शाह का सारे फ़राईज़ भूल कर
इशरतों में ज़र लुटाना ठीक है ?
जब मज़ाहिब में अक़ीदत ही नहीं
ख़्वाब हूरों के दिखाना ठीक है ?
तूर पर हमको बुला कर आपका
आस्मां से मुस्कुराना ठीक है ?
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: जब्र : बल ; बंदा : भक्त, अनुयायी ; एहसां : अनुग्रह ; रिंद : मद्यप ; ख़ुम्र : मदिरा ; शैख़ : धर्मोपदेशक ; सेहरा : वर को पहनाया जाने वाला शिरो-वस्त्र, पगड़ी ; हक़ीक़त : यथार्थ, वास्तविकता ; ग़ैर : अन्य ; तोहमत : आरोप, दोष ; मुफ़्लिसो-मज़्लूम : वंचित-दलित ; ताजिरों : व्यापारियों ; हाशिये : सीमांत ; ज़ार : निरंकुश शासक ; जन्नत : स्वर्ग ; फ़राईज़ : कर्त्तव्य (बहुव.) ; इशरतों : विलासिताओं ; ज़र : धन, स्वर्ण ; मज़ाहिब : धर्म (बहुव.) ; अक़ीदत : आस्था ; ख़्वाब : स्वप्न ; हूरों : अप्सराओं ; तूर : एक मिथकीय पर्वत, ईश्वर के प्रकट होने का स्थान ; आसमां : आकाश, स्वर्ग ।