ढूंढते ही रहे हम निशानाते-दिल
बांट कर आ गए लोग ख़ैराते-दिल
मा'निए-इश्क़ तक तो समझते नहीं
आप क्यूं चाहते हैं इनायाते-दिल
आपकी ख़्वाहिशो-ख़्वाब से भी परे
और भी हैं बहुत-से सवालाते-दिल
हम कहें और उन पर असर भी न हो
रोक कर देख लें अब ख़ुराफ़ाते-दिल
रिंद कम शैख़ ज़्यादः परेशान हैं
बंद जबसे हुई है ख़राबाते-दिल
बिन बुलाए उतर आए वो अर्श से
और क्या देखिएगा करामाते-दिल
हम नहीं तुम नहीं मीर-ो-ग़ालिब नहीं
कौन सुलझाएगा फिर तिलिस्माते-दिल ?!
( 2017 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: निशानाते-दिल : चिह्न, प्रमाण; ख़ैरात : भिक्षा; मा'निए-इश्क़ : प्रेम के अर्थ; इनायात : कृपाएं; ख़्वाहिशो-ख़्वाब : इच्छाओं एवं स्वप्नों; सवालात : प्रश्न, समस्याएं; ख़ुराफ़ात : उपद्रव; रिंद : मदिरा-प्रेमी; शैख़ : उपदेशक; ख़राबात : मदिरालय; अर्श : आकाश, स्वर्ग; करामात : चमत्कार; मीर, ग़ालिब : उर्दू के महानतम शायर द्वय; तिलिस्मात : रहस्य।
बांट कर आ गए लोग ख़ैराते-दिल
मा'निए-इश्क़ तक तो समझते नहीं
आप क्यूं चाहते हैं इनायाते-दिल
आपकी ख़्वाहिशो-ख़्वाब से भी परे
और भी हैं बहुत-से सवालाते-दिल
हम कहें और उन पर असर भी न हो
रोक कर देख लें अब ख़ुराफ़ाते-दिल
रिंद कम शैख़ ज़्यादः परेशान हैं
बंद जबसे हुई है ख़राबाते-दिल
बिन बुलाए उतर आए वो अर्श से
और क्या देखिएगा करामाते-दिल
हम नहीं तुम नहीं मीर-ो-ग़ालिब नहीं
कौन सुलझाएगा फिर तिलिस्माते-दिल ?!
( 2017 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: निशानाते-दिल : चिह्न, प्रमाण; ख़ैरात : भिक्षा; मा'निए-इश्क़ : प्रेम के अर्थ; इनायात : कृपाएं; ख़्वाहिशो-ख़्वाब : इच्छाओं एवं स्वप्नों; सवालात : प्रश्न, समस्याएं; ख़ुराफ़ात : उपद्रव; रिंद : मदिरा-प्रेमी; शैख़ : उपदेशक; ख़राबात : मदिरालय; अर्श : आकाश, स्वर्ग; करामात : चमत्कार; मीर, ग़ालिब : उर्दू के महानतम शायर द्वय; तिलिस्मात : रहस्य।