ये: ठीक है के: उनको मुहब्बत कहां हुई
हमको भी मगर उनसे शिकायत कहां हुई
वादा ज़रूर हमने किया था नमाज़ का
हमपे भी मगर तेरी इनायत कहां हुई
तैयार थे आने को तेरे ख़्वाब में मगर
दुनिया के दांव-पेच से फ़ुर्सत कहां हुई
कहते थे लोग इश्क़ है तन्हाई की दवा
लो, देख लिया कर के प' राहत कहां हुई
वादा ख़िलाफ़ और वो: हो ही नहीं सकता
अब देखना यही है सियासत कहां हुई
सजदा हुआ नहीं के: लगे मांगने मुराद
सौदा किया ख़ुदा से इबादत कहां हुई ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: इनायत: कृपा; तन्हाई: अकेलापन; राहत: आराम; वादा ख़िलाफ़: वादा तोड़ने वाला; सजदा: भूमि पर सिर टिका कर प्रणाम करना; मुराद: इच्छा।
हमको भी मगर उनसे शिकायत कहां हुई
वादा ज़रूर हमने किया था नमाज़ का
हमपे भी मगर तेरी इनायत कहां हुई
तैयार थे आने को तेरे ख़्वाब में मगर
दुनिया के दांव-पेच से फ़ुर्सत कहां हुई
कहते थे लोग इश्क़ है तन्हाई की दवा
लो, देख लिया कर के प' राहत कहां हुई
वादा ख़िलाफ़ और वो: हो ही नहीं सकता
अब देखना यही है सियासत कहां हुई
सजदा हुआ नहीं के: लगे मांगने मुराद
सौदा किया ख़ुदा से इबादत कहां हुई ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: इनायत: कृपा; तन्हाई: अकेलापन; राहत: आराम; वादा ख़िलाफ़: वादा तोड़ने वाला; सजदा: भूमि पर सिर टिका कर प्रणाम करना; मुराद: इच्छा।