हर तरफ़ मौजे हवादिस और हम
सामने सुल्ताने बेहिस और हम
आज फिर उम्मीद का सर झुक गया
फिर वही गुस्ताख़ इब्लीस और हम
क्या मुक़द्दर है वफ़ा का देखिए
गर्दिशों में ख़्वाबे नाक़िस और हम
फिर ज़ुबानी जंग में हैं मुब्तिला
शाह के मुंहज़ोर वारिस और हम
तोड़ डालेंगे सितम का सिलसिला
साथ में दो चार मुफ़लिस और हम
गुल खिलाते हैं मुनासिब वक़्त पर
नूर के शैदाई नरगिस और हम
कोई तो पढ़ दे हमारा मर्सिया
दर्दमंदों की मजालिस और हम !
(2018)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ : मौजे हवादिस: दुर्घटनाओं की लहर; सुल्ताने बेहिस: असंवेदनशील, निश्चेत शासक; गुस्ताख़: धृष्ट;
इब्लीस: ;शैतान, ईश्वर का प्रतिद्वंद्वी; मुक़द्दर: भाग्य; वफ़ा: निष्ठा; गर्दिश: भटकाव; ख़्वाबे नाक़िस: अपूर्ण स्वप्न;
ज़ुबानी जंग: मौखिक युद्ध; मुब्तिला: फंसे हुए, ग्रस्त; मुंहज़ोर: वाग्वीर; वारिस: उत्तराधिकारी; सितम: अत्याचार; सिलसिला: क्रम, श्रृंखला; मुफ़लिस: निर्धन; मुनासिब: समुचित; नूर:प्रकाश; शैदाई: अभिलाषी, प्रेमी; नरगिस: एक पुष्प, लिली; मर्सिया: शोकगीत; दर्दमंद: सहानुभूतिशील; मजालिस: सभाएं।
सामने सुल्ताने बेहिस और हम
आज फिर उम्मीद का सर झुक गया
फिर वही गुस्ताख़ इब्लीस और हम
क्या मुक़द्दर है वफ़ा का देखिए
गर्दिशों में ख़्वाबे नाक़िस और हम
फिर ज़ुबानी जंग में हैं मुब्तिला
शाह के मुंहज़ोर वारिस और हम
तोड़ डालेंगे सितम का सिलसिला
साथ में दो चार मुफ़लिस और हम
गुल खिलाते हैं मुनासिब वक़्त पर
नूर के शैदाई नरगिस और हम
कोई तो पढ़ दे हमारा मर्सिया
दर्दमंदों की मजालिस और हम !
(2018)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ : मौजे हवादिस: दुर्घटनाओं की लहर; सुल्ताने बेहिस: असंवेदनशील, निश्चेत शासक; गुस्ताख़: धृष्ट;
इब्लीस: ;शैतान, ईश्वर का प्रतिद्वंद्वी; मुक़द्दर: भाग्य; वफ़ा: निष्ठा; गर्दिश: भटकाव; ख़्वाबे नाक़िस: अपूर्ण स्वप्न;
ज़ुबानी जंग: मौखिक युद्ध; मुब्तिला: फंसे हुए, ग्रस्त; मुंहज़ोर: वाग्वीर; वारिस: उत्तराधिकारी; सितम: अत्याचार; सिलसिला: क्रम, श्रृंखला; मुफ़लिस: निर्धन; मुनासिब: समुचित; नूर:प्रकाश; शैदाई: अभिलाषी, प्रेमी; नरगिस: एक पुष्प, लिली; मर्सिया: शोकगीत; दर्दमंद: सहानुभूतिशील; मजालिस: सभाएं।
Bohat khoobsoorat janab, dil tak utar gaya
जवाब देंहटाएंअब छोडो भी नाम के ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी देखी और एक सिरा थाम कर आपके पीछे पीछे चली आयी. आयी तो लगा कि अभी आपसे बहुत कुछ सीखना होगा. शौक़िया लिखती पढती हूं ....और आपके इस ब्लॉग पर आकर लगा कि अभी बहुत कुछ सीखना बाक़ी है
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