तुम्हें दिलफ़रोशी की दरकार क्या है
ज़रा जान तो लो कि बाज़ार क्या है
नज़र से मुहब्बत का इज़्हार करना
ये आसान है गर तो दुश्वार क्या है
न मिलना-मिलाना न घर पर बुलाना
हमारे दिलों की ये दीवार क्या है
लहू एक है एक ही नस्ले-आदम
तो फ़िरक़ापरस्तों की तकरार क्या है
जहां तूर पर जल्व:गर आप होंगे
वहां दिल धड़कने की रफ़्तार क्या है
ख़ुदा से जिरह पर जिरह कर रहे हो
तुम्हारा तरीक़ा-ए-गुफ़्तार क्या है
हमारी अज़ाँ पर खिंचे आएं गर वो
ख़ता इसमें बंदे की सरकार क्या है ?
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ:
ज़रा जान तो लो कि बाज़ार क्या है
नज़र से मुहब्बत का इज़्हार करना
ये आसान है गर तो दुश्वार क्या है
न मिलना-मिलाना न घर पर बुलाना
हमारे दिलों की ये दीवार क्या है
लहू एक है एक ही नस्ले-आदम
तो फ़िरक़ापरस्तों की तकरार क्या है
जहां तूर पर जल्व:गर आप होंगे
वहां दिल धड़कने की रफ़्तार क्या है
ख़ुदा से जिरह पर जिरह कर रहे हो
तुम्हारा तरीक़ा-ए-गुफ़्तार क्या है
हमारी अज़ाँ पर खिंचे आएं गर वो
ख़ता इसमें बंदे की सरकार क्या है ?
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ:
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