रंज तन्हा सहे ख़ुशी तन्हा
उम्र यूँ ही गुज़र गई तन्हा
जब सर-ए-बज़्म तेरी याद आई
रूह भटकी गली गली तन्हा
हमप्याला मिरे मुआफ़ करें
चोट गहरी थी हमने पी तन्हा
वक़्त रहते संभल गए होते
तो न कटती ये: ज़िंदगी तन्हा
इश्क़ हमने किया सरे-बाज़ार
और की उनकी बन्दगी तन्हा
(2007)
- सुरेश स्वप्निल
उम्र यूँ ही गुज़र गई तन्हा
जब सर-ए-बज़्म तेरी याद आई
रूह भटकी गली गली तन्हा
हमप्याला मिरे मुआफ़ करें
चोट गहरी थी हमने पी तन्हा
वक़्त रहते संभल गए होते
तो न कटती ये: ज़िंदगी तन्हा
इश्क़ हमने किया सरे-बाज़ार
और की उनकी बन्दगी तन्हा
(2007)
- सुरेश स्वप्निल
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