हमारा क्या यक़ीं, हम आज क्या, कल और क्या कह दें
हसीनों को ख़ुदा कह दें, ख़ुदा को दिलरुबा कह दें !
सियासतदां हमारे मुल्क के बेशर्म हैं इतने
सरासर क़त्ल को भी मुस्कुरा कर हादसा कह दें !
अदब की बंदिशें अक्सर बहुत आसां नहीं, लेकिन
अकेले में, कहो तो हम तुम्हें बाद-ए-सबा कह दें
हमारे ख़ैरख्वाः यूं तो बहुत उस्ताद बनते हैं
मगर यह भी नहीं होता कि खुल कर "मरहबा" कह दें !
हमारी सख़्त बातों से जिन्हें तकलीफ़ होती है
बताएं तो सही, इस दौर में किसको ख़ुदा कह दें ?
समंदर है, मगर इतना नहीं है ज़र्फ़ हममें भी
कि क़ातिल को कभी अपने वतन का रहनुमा कह दें !
हमारा साथ शायद आपको अच्छा नहीं लगता
कहें तो आज ही हम इस जहां को अलविदा कह दें !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: यक़ीं: विश्वास; हसीनों: सुंदर व्यक्तियों; दिलरुबा: चित्ताकर्षक, मनमोहक; सियासतदां: राजनीतिज्ञ; सरासर: स्पष्टत:;
क़त्ल: हत्या; हादसा: दुर्घटना; अदब: साहित्य; बंदिशें: बंधन, सीमाएं; अक्सर: सामान्यतः; आसां: सरल; बाद-ए-सबा: प्रातः समीर; ख़ैरख्वाः: शुभचिंतक; उस्ताद: गुरु; मरहबा: धन्य, साधु; सख़्त: कठोर; तकलीफ़: कष्ट; समंदर: समुद्र; ज़र्फ़: गहराई, धैर्य; क़ातिल: हत्यारा; रहनुमा: नायक,पथ-प्रदर्शक; अलविदा: अंतिम प्रणाम ।
हसीनों को ख़ुदा कह दें, ख़ुदा को दिलरुबा कह दें !
सियासतदां हमारे मुल्क के बेशर्म हैं इतने
सरासर क़त्ल को भी मुस्कुरा कर हादसा कह दें !
अदब की बंदिशें अक्सर बहुत आसां नहीं, लेकिन
अकेले में, कहो तो हम तुम्हें बाद-ए-सबा कह दें
हमारे ख़ैरख्वाः यूं तो बहुत उस्ताद बनते हैं
मगर यह भी नहीं होता कि खुल कर "मरहबा" कह दें !
हमारी सख़्त बातों से जिन्हें तकलीफ़ होती है
बताएं तो सही, इस दौर में किसको ख़ुदा कह दें ?
समंदर है, मगर इतना नहीं है ज़र्फ़ हममें भी
कि क़ातिल को कभी अपने वतन का रहनुमा कह दें !
हमारा साथ शायद आपको अच्छा नहीं लगता
कहें तो आज ही हम इस जहां को अलविदा कह दें !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: यक़ीं: विश्वास; हसीनों: सुंदर व्यक्तियों; दिलरुबा: चित्ताकर्षक, मनमोहक; सियासतदां: राजनीतिज्ञ; सरासर: स्पष्टत:;
क़त्ल: हत्या; हादसा: दुर्घटना; अदब: साहित्य; बंदिशें: बंधन, सीमाएं; अक्सर: सामान्यतः; आसां: सरल; बाद-ए-सबा: प्रातः समीर; ख़ैरख्वाः: शुभचिंतक; उस्ताद: गुरु; मरहबा: धन्य, साधु; सख़्त: कठोर; तकलीफ़: कष्ट; समंदर: समुद्र; ज़र्फ़: गहराई, धैर्य; क़ातिल: हत्यारा; रहनुमा: नायक,पथ-प्रदर्शक; अलविदा: अंतिम प्रणाम ।
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