तुम्हें उस शख़्स से धोखा मिलेगा
जिसे तन्हाई में मौक़ा मिलेगा
निगाहे-शौक़ को रुस्वा न कीजे
किसी दिन हमसफ़र सच्चा मिलेगा
हमारे हाथ में भी हैं लकीरें
हमें भी कुछ कहीं अच्छा मिलेगा
हमारे शहर की तस्वीर ये है
यहां हर आदमी रोता मिलेगा
जहां-ए-इश्क़ में देखो जहां भी
वहीं कुछ हादसा होता मिलेगा
लगी हो आग जब अमराइयों में
मुहाफ़िज़ चैन से सोता मिलेगा
हमामे-बदज़नां है ये सियासत
जिसे देखो, वही नंगा मिलेगा
ज़ियारत को गया है दिल हमारा
धड़कने को कहीं कोना मिलेगा ?
हमारी रूह जब आज़ाद होगी
दरे-फ़िरदौस पर मौला मिलेगा
ज़माना देखते हैं, क्या कहेगा
हमें जब नूर का तोहफ़ा मिलेगा !
महज़ पेशीनगोई मत समझिए
अमन अब वाक़ई महंगा मिलेगा !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शख़्स: व्यक्ति; तन्हाई: एकांत; निगाहे-शौक़: अभिलाषा-पूर्ण दृष्टि, सौंदर्य-बोध; रुस्वा: लज्जित; हमसफ़र: सहयात्री; जहां-ए-इश्क़: प्रेम का संसार; हादसा: दुर्घटना; मुहाफ़िज़: संरक्षक, रक्षा करने वाला; हमामे-बदज़नां: कुकर्मियों का स्नानागार; सियासत: राजनीति; ज़ियारत: तीर्थयात्रा; रूह: आत्मा; दरे-फ़िरदौस: स्वर्ग का द्वार; मौला: परमेश्वर; ज़माना: समाज; नूर: प्रकाश; तोहफ़ा: उपहार; महज़: केवल; पेशीनगोई: भविष्य वाणी; अमन: शांति; वाक़ई: सचमुच।
जिसे तन्हाई में मौक़ा मिलेगा
निगाहे-शौक़ को रुस्वा न कीजे
किसी दिन हमसफ़र सच्चा मिलेगा
हमारे हाथ में भी हैं लकीरें
हमें भी कुछ कहीं अच्छा मिलेगा
हमारे शहर की तस्वीर ये है
यहां हर आदमी रोता मिलेगा
जहां-ए-इश्क़ में देखो जहां भी
वहीं कुछ हादसा होता मिलेगा
लगी हो आग जब अमराइयों में
मुहाफ़िज़ चैन से सोता मिलेगा
हमामे-बदज़नां है ये सियासत
जिसे देखो, वही नंगा मिलेगा
ज़ियारत को गया है दिल हमारा
धड़कने को कहीं कोना मिलेगा ?
हमारी रूह जब आज़ाद होगी
दरे-फ़िरदौस पर मौला मिलेगा
ज़माना देखते हैं, क्या कहेगा
हमें जब नूर का तोहफ़ा मिलेगा !
महज़ पेशीनगोई मत समझिए
अमन अब वाक़ई महंगा मिलेगा !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शख़्स: व्यक्ति; तन्हाई: एकांत; निगाहे-शौक़: अभिलाषा-पूर्ण दृष्टि, सौंदर्य-बोध; रुस्वा: लज्जित; हमसफ़र: सहयात्री; जहां-ए-इश्क़: प्रेम का संसार; हादसा: दुर्घटना; मुहाफ़िज़: संरक्षक, रक्षा करने वाला; हमामे-बदज़नां: कुकर्मियों का स्नानागार; सियासत: राजनीति; ज़ियारत: तीर्थयात्रा; रूह: आत्मा; दरे-फ़िरदौस: स्वर्ग का द्वार; मौला: परमेश्वर; ज़माना: समाज; नूर: प्रकाश; तोहफ़ा: उपहार; महज़: केवल; पेशीनगोई: भविष्य वाणी; अमन: शांति; वाक़ई: सचमुच।
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