नफ़स-नफ़स में हमें बद्दुआ न दें साहब
क़दम-क़दम पे नया मुद्द'आ न दें साहब
हमारे रिज़्क़ पे सरमाएदार क़ाबिज़ हैं
कि मर्ज़े-भूख में कड़वी दवा न दें साहब
हमारे होश सलामत, यही ग़नीमत है
इसे गुनाह बता कर सज़ा न दें साहब
हमें है इल्म, शबे-हिज्र के मानी क्या हैं
दिखा के ज़ख़्म जिगर के रुला न दें साहब
हमीं हैं, आपको जिसने ख़ुदा बनाया है
करम के वक़्त ये एहसां भुला न दें साहब
हमारा काम महज़ आईना दिखाना है
हमें रक़ीब समझ कर मिटा न दें साहब
उन्हें तो ज़िक्रे-रौशनी तलक से नफ़रत है
कहीं ये माहो-शम्स भी बुझा न दें साहब !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: नफ़स: सांस; बद्दुआ: श्राप; मुद्द'आ: विवाद का विषय; रिज़्क़: दो समय का भोजन; सरमाएदार: पूंजीपति; मर्ज़े-भूख: भूख का रोग; ग़नीमत: पर्याप्त; इल्म: ज्ञान; शबे-हिज्र: वियोग की निशा; मानी: अर्थ;ज़ख़्म: घाव; जिगर: हृदय; करम: कृपा; एहसां: अनुग्रह;
महज़: मात्र, विशुद्धत: ; रक़ीब: शत्रु, प्रतिद्वंद्वी; ज़िक्रे-रौशनी: प्रकाश का उल्लेख; नफ़रत: घृणा; माहो-शम्स: चंद्र-सूर्य ।
क़दम-क़दम पे नया मुद्द'आ न दें साहब
हमारे रिज़्क़ पे सरमाएदार क़ाबिज़ हैं
कि मर्ज़े-भूख में कड़वी दवा न दें साहब
हमारे होश सलामत, यही ग़नीमत है
इसे गुनाह बता कर सज़ा न दें साहब
हमें है इल्म, शबे-हिज्र के मानी क्या हैं
दिखा के ज़ख़्म जिगर के रुला न दें साहब
हमीं हैं, आपको जिसने ख़ुदा बनाया है
करम के वक़्त ये एहसां भुला न दें साहब
हमारा काम महज़ आईना दिखाना है
हमें रक़ीब समझ कर मिटा न दें साहब
उन्हें तो ज़िक्रे-रौशनी तलक से नफ़रत है
कहीं ये माहो-शम्स भी बुझा न दें साहब !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: नफ़स: सांस; बद्दुआ: श्राप; मुद्द'आ: विवाद का विषय; रिज़्क़: दो समय का भोजन; सरमाएदार: पूंजीपति; मर्ज़े-भूख: भूख का रोग; ग़नीमत: पर्याप्त; इल्म: ज्ञान; शबे-हिज्र: वियोग की निशा; मानी: अर्थ;ज़ख़्म: घाव; जिगर: हृदय; करम: कृपा; एहसां: अनुग्रह;
महज़: मात्र, विशुद्धत: ; रक़ीब: शत्रु, प्रतिद्वंद्वी; ज़िक्रे-रौशनी: प्रकाश का उल्लेख; नफ़रत: घृणा; माहो-शम्स: चंद्र-सूर्य ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (29-07-2014) को "आओ सहेजें धरा को" (चर्चा मंच 1689) पर भी होगी।
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हरियाली तोज और ईदुलफितर की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
लाजवाब ग़ज़ल...शब्दों का सटीक चयन...
जवाब देंहटाएंYou compose real gems!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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