दिल से तक़दीर की तकरार अभी जारी है
रंज़िशे - ख्वाहिशो - क़रार अभी जारी है
हमपे मेहमान चंद रोज़ इनायत न करें
तलाशे - रिज़्क़ो - रोज़गार अभी जारी है
फ़रेबो-मक्र की फ़ेहरिस्त बनाते चलिए
इंतेख़ाबात का बाज़ार अभी जारी है
गुज़र रही है शबे-हिज्र सख़्त दोनों पर
कि नफ़्स-नफ़्स का शुमार अभी जारी है
कभी तो राहे - रास्त से क़रीब आएंगे
रक़ीबे - जां पे ऐतबार अभी जारी है
कमी हुई है अर्श पर हसीन चेहरों की
ज़मीं पे जल्व: - ए - बहार अभी जारी है
झुके हुए हैं तिरे दर पे माहे-रमज़ां से
नवाज़िशों का इंतज़ार अभी जारी है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: तकरार: वाद-विवाद; रंज़िशे - ख्वाहिशो - क़रार: इच्छाओं और संतुष्टि में मन-मुटाव; चंद: चार; इनायत: कृपा;
तलाशे - रिज़्क़ो - रोज़गार: दो समय का आहार और व्यवसाय की खोज; फ़रेबो-मक्र: छल और पाखंड; फ़ेहरिस्त: सूची;
इंतेख़ाबात: चुनावों; शबे-हिज्र: वियोग की निशा; नफ़्स-नफ़्स: सांस-सांस; शुमार: गिनती; राहे - रास्त: उचित मार्ग;
रक़ीबे - जां: प्राण-शत्रु; ऐतबार: विश्वास; अर्श: आकाश; जल्व: - ए - बहार: बसंत के दृश्य; दर: द्वार; माहे-रमज़ां: रमज़ान का मास; नवाज़िशों: ईश्वरीय देन ।
रंज़िशे - ख्वाहिशो - क़रार अभी जारी है
हमपे मेहमान चंद रोज़ इनायत न करें
तलाशे - रिज़्क़ो - रोज़गार अभी जारी है
फ़रेबो-मक्र की फ़ेहरिस्त बनाते चलिए
इंतेख़ाबात का बाज़ार अभी जारी है
गुज़र रही है शबे-हिज्र सख़्त दोनों पर
कि नफ़्स-नफ़्स का शुमार अभी जारी है
कभी तो राहे - रास्त से क़रीब आएंगे
रक़ीबे - जां पे ऐतबार अभी जारी है
कमी हुई है अर्श पर हसीन चेहरों की
ज़मीं पे जल्व: - ए - बहार अभी जारी है
झुके हुए हैं तिरे दर पे माहे-रमज़ां से
नवाज़िशों का इंतज़ार अभी जारी है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: तकरार: वाद-विवाद; रंज़िशे - ख्वाहिशो - क़रार: इच्छाओं और संतुष्टि में मन-मुटाव; चंद: चार; इनायत: कृपा;
तलाशे - रिज़्क़ो - रोज़गार: दो समय का आहार और व्यवसाय की खोज; फ़रेबो-मक्र: छल और पाखंड; फ़ेहरिस्त: सूची;
इंतेख़ाबात: चुनावों; शबे-हिज्र: वियोग की निशा; नफ़्स-नफ़्स: सांस-सांस; शुमार: गिनती; राहे - रास्त: उचित मार्ग;
रक़ीबे - जां: प्राण-शत्रु; ऐतबार: विश्वास; अर्श: आकाश; जल्व: - ए - बहार: बसंत के दृश्य; दर: द्वार; माहे-रमज़ां: रमज़ान का मास; नवाज़िशों: ईश्वरीय देन ।
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