हमको अब भी वफ़ाओं से उम्मीद है
दोस्तों की दुआओं से उम्मीद है
वो: कभी हम पे शायद मेहरबां न हों
उनकी क़ातिल अदाओं से उम्मीद है
साथ दे या न दे ये: ज़माना हमें
आसमानी सदाओं से उम्मीद है
महफ़िलें हैं उन्हीं की जो ज़रयाब हैं
मुफ़लिसों को ख़लाओं से उम्मीद है
आज मौसम हमारे मुआफ़िक़ नहीं
कल बदलती हवाओं से उम्मीद है
एक दिन राह पर लाएंगे ज़िंदगी
मुल्क को रहनुमाओं से उम्मीद है
अर्श तो हस्बे-मामूल नाराज़ है
क्या कहें किन ख़ुदाओं से उम्मीद है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ज़रयाब: समॄद्ध; मुफ़लिसों: निर्धनों; ख़लाओं: निर्जन स्थानों; मुआफ़िक़: समुचित, योग्य;
रहनुमाओं: नेताओं; अर्श: आकाश, ईश्वर।
दोस्तों की दुआओं से उम्मीद है
वो: कभी हम पे शायद मेहरबां न हों
उनकी क़ातिल अदाओं से उम्मीद है
साथ दे या न दे ये: ज़माना हमें
आसमानी सदाओं से उम्मीद है
महफ़िलें हैं उन्हीं की जो ज़रयाब हैं
मुफ़लिसों को ख़लाओं से उम्मीद है
आज मौसम हमारे मुआफ़िक़ नहीं
कल बदलती हवाओं से उम्मीद है
एक दिन राह पर लाएंगे ज़िंदगी
मुल्क को रहनुमाओं से उम्मीद है
अर्श तो हस्बे-मामूल नाराज़ है
क्या कहें किन ख़ुदाओं से उम्मीद है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ज़रयाब: समॄद्ध; मुफ़लिसों: निर्धनों; ख़लाओं: निर्जन स्थानों; मुआफ़िक़: समुचित, योग्य;
रहनुमाओं: नेताओं; अर्श: आकाश, ईश्वर।
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