उस पे ईमां रखें तो दीवाने
ख़ुद को ख़ुद-सा कहें तो दीवाने
तीरगी में जिएं तो बेचारे
शम्'अ बन कर जलें तो दीवाने
वो: सियासत करें तो हक़ उनका
हम शिकायत करें तो दीवाने
लोग बोली लगाएं ईमां की
और हम ना बिकें तो दीवाने
तुम तमाशा बनाओ औरों का
लोग तुम पर हंसें तो दीवाने
आप दिल तोड़ दें तो जायज़ है
हम तग़ाफ़ुल करें तो दीवाने
तुम जहां से कहो तो अफ़साना
हम ख़ुदा से कहें तो दीवाने !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: उस पे: ईश्वर पर; ईमां: आस्था; तीरगी: अंधकार; सियासत: राजनीति; हक़: अधिकार;
जायज़: उचित; तग़ाफ़ुल: उपेक्षा; अफ़साना: कहानी।
ख़ुद को ख़ुद-सा कहें तो दीवाने
तीरगी में जिएं तो बेचारे
शम्'अ बन कर जलें तो दीवाने
वो: सियासत करें तो हक़ उनका
हम शिकायत करें तो दीवाने
लोग बोली लगाएं ईमां की
और हम ना बिकें तो दीवाने
तुम तमाशा बनाओ औरों का
लोग तुम पर हंसें तो दीवाने
आप दिल तोड़ दें तो जायज़ है
हम तग़ाफ़ुल करें तो दीवाने
तुम जहां से कहो तो अफ़साना
हम ख़ुदा से कहें तो दीवाने !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: उस पे: ईश्वर पर; ईमां: आस्था; तीरगी: अंधकार; सियासत: राजनीति; हक़: अधिकार;
जायज़: उचित; तग़ाफ़ुल: उपेक्षा; अफ़साना: कहानी।
Suresh ji.....aap ki shayeri ka jo (socio-poltical,humanitarian or justice based) them hai woh insano ko waqai jhak-jhor dene wala hai
जवाब देंहटाएंagar aap Quraan ka addhyan karen to isme mazid nikhar paida hoga
bunyadi tor par ye ketab insano k wyawasthit jiwan pranali or sanmarg/hedayat ki ketab hai....iske sath sath isme insano k liye bahot kuchh hai....shart ye hai k insan is ketab se kya mangta hai
is ketab ne apne bare me saf elan kiya hai k is me (hodallin NAAS) insano k liye sara-sar hidayat hai..is se ye saf hota hai k ye ketab musalmano ki jagir/property nahi hai balki ispar puri insani samaj ka adhikar hai or har koi Ishwar ki dharti,hawa,pani jaisi nemat k sath-sath uske ketab se bhi labhanwit hone ka adhikar hai,jis se wanchit karne ka adhikar kisi ko nahi pahunchta... agar muslim samaj ya koi or is se wanchit karne ki chesta karta hai to ye manav samaj par sabse bara ZULM hai... k insan Ishwar k bare nemat (sanmarg/hidayat) se mahrum kar diya jaye
बहुत सुंदर ........ शानदार !!
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ब्लॉग बुलेटिन से यहाँ पहुँचना भा गया :)
वाह, वाह क्या बात है।
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