चांदनी का सफ़र देखिए तो सही
नीम-रौशन शहर देखिए तो सही
लौट कर आ गई है हमारी तरफ़
मंज़िलों की नज़र देखिए तो सही
बात ही बात में हो रही है ग़ज़ल
दोस्ती का असर देखिए तो सही
आप ही इब्तिदा, आप ही इंतेहा
आप ही बे-ख़बर देखिए तो सही
ये: सिला शायरी ने दिया है हमें
हो गए दर-ब-दर, देखिए तो सही
आपके ज़िक्र से दिल महकने लगा
ये: अरूज़े-बहर, देखिए तो सही
मौत को आश्ना कर लिया जिस्म ने
क़िस्स:-ए-मुख़्तसर देखिए तो सही !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: नीम-रौशन: अर्द्ध-प्रकाशित; इब्तिदा: आरंभ; इंतेहा: सीमा, अंत; बे-ख़बर: समाचार/ सूचना से वंचित;
सिला: प्रतिफल; दर-ब-दर: बेघर; अरूज़े-बहर: छंद-सौन्दर्य; आश्ना: साथी; क़िस्स:-ए-मुख़्तसर: संक्षित कथा ।
नीम-रौशन शहर देखिए तो सही
लौट कर आ गई है हमारी तरफ़
मंज़िलों की नज़र देखिए तो सही
बात ही बात में हो रही है ग़ज़ल
दोस्ती का असर देखिए तो सही
आप ही इब्तिदा, आप ही इंतेहा
आप ही बे-ख़बर देखिए तो सही
ये: सिला शायरी ने दिया है हमें
हो गए दर-ब-दर, देखिए तो सही
आपके ज़िक्र से दिल महकने लगा
ये: अरूज़े-बहर, देखिए तो सही
मौत को आश्ना कर लिया जिस्म ने
क़िस्स:-ए-मुख़्तसर देखिए तो सही !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: नीम-रौशन: अर्द्ध-प्रकाशित; इब्तिदा: आरंभ; इंतेहा: सीमा, अंत; बे-ख़बर: समाचार/ सूचना से वंचित;
सिला: प्रतिफल; दर-ब-दर: बेघर; अरूज़े-बहर: छंद-सौन्दर्य; आश्ना: साथी; क़िस्स:-ए-मुख़्तसर: संक्षित कथा ।
मेरा प्रयास प्रत्येक हिंदी प्रेमी को एकमंच पर लाना है...
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एक मंच हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक संयुक्त मंच है
इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है
उद्देश्य:
सभी हिंदी प्रेमियों को एकमंच पर लाना।
वेब जगत में हिंदी भाषा, हिंदी साहित्य को सशक्त करना
भारत व विश्व में हिंदी से सम्बन्धी गतिविधियों पर नज़र रखना और पाठकों को उनसे अवगत करते रहना.
हिंदी व देवनागरी के क्षेत्र में होने वाली खोज, अनुसन्धान इत्यादि के बारे मेंहिंदी प्रेमियों को अवगत करना.
हिंदी साहितिक सामग्री का आदान प्रदान करना।
अतः हम कह सकते हैं कि एकमंच बनाने का मुख्य उदेश्य हिंदी के साहित्यकारों व हिंदी से प्रेम करने वालों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां उनकी लगभग सभी आवश्यक्ताएं पूरी हो सकें।
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कोई एक नज़र देखिये तो सही,
जवाब देंहटाएंइस गज़ल का असर देखिये तो सही।
बहुत बढिया लिखा है.