ख़्वाब ताज़ा गुलाब होते हैं
ख़्वाहिशों का जवाब होते हैं
वो: अगर बेख़ुदी में मिलते हैं
शायरी की किताब होते हैं
दिल में अरमान जब मचलते हैं
जोशे - मौजे - चनाब होते हैं
बर्क़ जैसे दिलों पे गिरती है
आप जब बे-हिजाब होते हैं
रोज़ हम राह से गुज़रते हैं
रोज़ ईमां ख़राब होते हैं
ख़्वाब में मिल गए, ग़नीमत है
घर में कब-कब जनाब होते हैं ?
अश्के-तन्हाई देख लें गिन कर
हसरतों का हिसाब होते हैं !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ख़्वाहिशों: इच्छाओं; बेख़ुदी: आत्म-विस्मृति; बर्क़: तड़ित, आकाशीय विद्युत; बे-हिजाब: निरावरण;
जोशे-मौजे-चनाब: चनाब, पंजाब में बहने वाली एक नदी; की लहरों का उत्साह; अश्के-तन्हाई: एकांत के अश्रु ।
ख़्वाहिशों का जवाब होते हैं
वो: अगर बेख़ुदी में मिलते हैं
शायरी की किताब होते हैं
दिल में अरमान जब मचलते हैं
जोशे - मौजे - चनाब होते हैं
बर्क़ जैसे दिलों पे गिरती है
आप जब बे-हिजाब होते हैं
रोज़ हम राह से गुज़रते हैं
रोज़ ईमां ख़राब होते हैं
ख़्वाब में मिल गए, ग़नीमत है
घर में कब-कब जनाब होते हैं ?
अश्के-तन्हाई देख लें गिन कर
हसरतों का हिसाब होते हैं !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: ख़्वाहिशों: इच्छाओं; बेख़ुदी: आत्म-विस्मृति; बर्क़: तड़ित, आकाशीय विद्युत; बे-हिजाब: निरावरण;
जोशे-मौजे-चनाब: चनाब, पंजाब में बहने वाली एक नदी; की लहरों का उत्साह; अश्के-तन्हाई: एकांत के अश्रु ।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन स्वामी विवेकानन्द जी की १५० वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (13-01-2014) को "लोहिड़ी की शुभकामनाएँ" (चर्चा मंच-1491) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हर्षोल्लास के पर्व लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की शुभकामनाएं !
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