आदाब अर्ज़, दोस्तों !
आज बहुत अरसे बाद आपसे सीधे मुखातिब हो रहा हूँ। सोच रहा था के 'साझा आसमान' की पहली सालगिरह पर, यानी 29 अक्टूबर को ही बात करूँगा, मगर आपके उन्सो-ख़ुलूस ने मुझे आज वाकई मजबूर कर दिया …
वजह ???
आज आपके 'साझा आसमान' ने एक मक़ाम हासिल किया है, 10,000 बार देखे जाने का !
यह शायद कोई बहुत बड़ी, ख़ुशी या फ़ख़्र की बात नहीं है मगर एक मक़ाम तो है ही !
हमने यह मक़ाम हासिल किया, वह भी सिर्फ़ 350 दिन और 265 पोस्ट्स के ज़रिए !
बधाई तो बनती है, और इसके असली हक़दार हैं आप सभी...क़ारीन और चाहने वाले, अच्छे-बुरे वक़्त में साथ निभाने वाले... !
बहुत-बहुत मुबारक, ख़्वातीनो-हज़रात ! आप सबके प्यार और तअव्वुन के बिना यह मक़ाम हासिल हो पाना मुमकिन नहीं था !
आपका
सुरेश स्वप्निल
आज बहुत अरसे बाद आपसे सीधे मुखातिब हो रहा हूँ। सोच रहा था के 'साझा आसमान' की पहली सालगिरह पर, यानी 29 अक्टूबर को ही बात करूँगा, मगर आपके उन्सो-ख़ुलूस ने मुझे आज वाकई मजबूर कर दिया …
वजह ???
आज आपके 'साझा आसमान' ने एक मक़ाम हासिल किया है, 10,000 बार देखे जाने का !
यह शायद कोई बहुत बड़ी, ख़ुशी या फ़ख़्र की बात नहीं है मगर एक मक़ाम तो है ही !
हमने यह मक़ाम हासिल किया, वह भी सिर्फ़ 350 दिन और 265 पोस्ट्स के ज़रिए !
बधाई तो बनती है, और इसके असली हक़दार हैं आप सभी...क़ारीन और चाहने वाले, अच्छे-बुरे वक़्त में साथ निभाने वाले... !
बहुत-बहुत मुबारक, ख़्वातीनो-हज़रात ! आप सबके प्यार और तअव्वुन के बिना यह मक़ाम हासिल हो पाना मुमकिन नहीं था !
आपका
सुरेश स्वप्निल
आपको बधाई ....गति और बढ़े ण्ेसी शुभकामना है
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