वो: मुझे रास्ता नहीं देंगे
सर कटा लूं वफ़ा नहीं देंगे
नफ़रतों के लिबास पहने हैं
प्यार तो ज़ाहिरा नहीं देंगे
कुर्सियों की महज़ लड़ाई है
कैसे मानें दग़ा नहीं देंगे
साज़िशन राम बेचने वालों
बाख़ुदा हम ख़ुदा नहीं देंगे
मौत का रक़्स देखने वाले
ज़िंदगी को दुआ नहीं देंगे
लोग मासूमियत के दुश्मन हैं
मुजरिमों को सज़ा नहीं देंगे
क़त्ल कर दें अगर मुहब्बत से
हम उन्हें बद्दुआ नहीं देंगे
उनके दिल में नमाज़ पढ़ते हैं
क्या हमें इसलिए मिटा देंगे ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: वफ़ा: समुचित व्यवहार; नफ़रतों के लिबास: घृणाओं के वस्त्र; ज़ाहिरा: प्रकटतः; दग़ा: धोखा; साज़िशन: षड्यंत्रपूर्वक; बाख़ुदा: ख़ुदा की क़सम; रक़्स: नृत्य; दुआ: शुभकामना; मासूमियत: निर्दोषिता; मुजरिमों: अपराधियों।
सर कटा लूं वफ़ा नहीं देंगे
नफ़रतों के लिबास पहने हैं
प्यार तो ज़ाहिरा नहीं देंगे
कुर्सियों की महज़ लड़ाई है
कैसे मानें दग़ा नहीं देंगे
साज़िशन राम बेचने वालों
बाख़ुदा हम ख़ुदा नहीं देंगे
मौत का रक़्स देखने वाले
ज़िंदगी को दुआ नहीं देंगे
लोग मासूमियत के दुश्मन हैं
मुजरिमों को सज़ा नहीं देंगे
क़त्ल कर दें अगर मुहब्बत से
हम उन्हें बद्दुआ नहीं देंगे
उनके दिल में नमाज़ पढ़ते हैं
क्या हमें इसलिए मिटा देंगे ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: वफ़ा: समुचित व्यवहार; नफ़रतों के लिबास: घृणाओं के वस्त्र; ज़ाहिरा: प्रकटतः; दग़ा: धोखा; साज़िशन: षड्यंत्रपूर्वक; बाख़ुदा: ख़ुदा की क़सम; रक़्स: नृत्य; दुआ: शुभकामना; मासूमियत: निर्दोषिता; मुजरिमों: अपराधियों।
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [26.08.2013]
जवाब देंहटाएंचर्चामंच 1349 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
उनके दिल में नमाज़ पढते हैं
जवाब देंहटाएंक्या हमें इसलिये मिटा देंगे।
कत्ल कर दें अगर मुहब्बत से
हम उन्हें बद्दुआ नही देंगे ।
बहोत खूब ।