सितम कीजिए या दग़ा कीजिए
ख़ुदा के लिए ख़ुश रहा कीजिए
दुआ है फ़रिश्ते मिलें आपको
न हो तो हमीं से वफ़ा कीजिए
बुरे वक़्त में बेहतरी के लिए
लबों पर तबस्सुम रखा कीजिए
सितारे पहुंच से अगर दूर हैं
तो किरदार अपना बड़ा कीजिए
फ़क़ीरो-शहंशाह सब एक हैं
निगाहें उठा कर जिया कीजिए
न बदलेंगे मस्लक किसी हाल में
मुरीदों से लिखवा लिया कीजिए
ज़रूरी नहीं आप सज्दा करें
सलामो-दुआ तो किया कीजिए !
(2017)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: सितम: अत्याचार; दग़ा: छल;फ़रिश्ते :देवदूत;वफ़ा :निर्वाह; बेहतरी : उत्तमता; लबों : होठों; तबस्सुम : मुस्कान ; किरदार :व्यक्तित्व,चरित्र;मस्लक:पंथ;मुरीदों :भक्तजन,अनुयायी; सज्दा :साष्टांग प्रणाम;सलामो-दुआ :नमस्कार एवं शुभेच्छा।
ख़ुदा के लिए ख़ुश रहा कीजिए
दुआ है फ़रिश्ते मिलें आपको
न हो तो हमीं से वफ़ा कीजिए
बुरे वक़्त में बेहतरी के लिए
लबों पर तबस्सुम रखा कीजिए
सितारे पहुंच से अगर दूर हैं
तो किरदार अपना बड़ा कीजिए
फ़क़ीरो-शहंशाह सब एक हैं
निगाहें उठा कर जिया कीजिए
न बदलेंगे मस्लक किसी हाल में
मुरीदों से लिखवा लिया कीजिए
ज़रूरी नहीं आप सज्दा करें
सलामो-दुआ तो किया कीजिए !
(2017)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: सितम: अत्याचार; दग़ा: छल;फ़रिश्ते :देवदूत;वफ़ा :निर्वाह; बेहतरी : उत्तमता; लबों : होठों; तबस्सुम : मुस्कान ; किरदार :व्यक्तित्व,चरित्र;मस्लक:पंथ;मुरीदों :भक्तजन,अनुयायी; सज्दा :साष्टांग प्रणाम;सलामो-दुआ :नमस्कार एवं शुभेच्छा।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (20-06-2017) को
जवाब देंहटाएं"पिता जैसा कोई नहीं" (चर्चा अंक-2647)
पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
बेहद खुबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंवाह !!!!