बता कौन तेरी ख़ुशी ले गया
कि कासा थमा कर ख़ुदी ले गया
समझते रहे सब जिसे बाग़बां
गुलों के लबों से हंसी ले गया
सितारा रहा जो कभी बज़्म का
वही नज़्म की ज़िंदगी ले गया
चमन छोड़ कर अंदलीबे-सुख़न
बहारों की ज़िंदादिली ले गया
नज़र चूकते ही ख़ता हो गई
कि लम्हा चुरा कर सदी ले गया
सितम के नए दौर का शुक्रिया
कि आंखों की सारी नमी ले गया
तलाशे-ख़ुदा में कमर झुक गई
कि ये शौक़ आवारगी ले गया !
(2017)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: कासा: भिक्षा-पात्र; ख़ुदी: स्वाभिमान; बाग़बां: माली; गुलों: पुष्पों; लबों: होठों; सितारा: नक्षत्र; बज़्म: गोष्ठी; नज़्म: गीत; चमन: उपवन; अंदलीबे-सुख़न: साहित्य की कोयल, मधुर उद्गाता; ज़िंदादिली: जीवंतता; ख़ता: चूक, अपराध; लम्हा: क्षण; सदी: शताब्दी; सितम: अत्याचार; दौर: काल-खंड; तलाशे-ख़ुदा: ईश्वर की खोज; आवारगी: यायावरी।
कि कासा थमा कर ख़ुदी ले गया
समझते रहे सब जिसे बाग़बां
गुलों के लबों से हंसी ले गया
सितारा रहा जो कभी बज़्म का
वही नज़्म की ज़िंदगी ले गया
चमन छोड़ कर अंदलीबे-सुख़न
बहारों की ज़िंदादिली ले गया
नज़र चूकते ही ख़ता हो गई
कि लम्हा चुरा कर सदी ले गया
सितम के नए दौर का शुक्रिया
कि आंखों की सारी नमी ले गया
तलाशे-ख़ुदा में कमर झुक गई
कि ये शौक़ आवारगी ले गया !
(2017)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: कासा: भिक्षा-पात्र; ख़ुदी: स्वाभिमान; बाग़बां: माली; गुलों: पुष्पों; लबों: होठों; सितारा: नक्षत्र; बज़्म: गोष्ठी; नज़्म: गीत; चमन: उपवन; अंदलीबे-सुख़न: साहित्य की कोयल, मधुर उद्गाता; ज़िंदादिली: जीवंतता; ख़ता: चूक, अपराध; लम्हा: क्षण; सदी: शताब्दी; सितम: अत्याचार; दौर: काल-खंड; तलाशे-ख़ुदा: ईश्वर की खोज; आवारगी: यायावरी।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (21-05-2017) को
जवाब देंहटाएं"मुद्दा तीन तलाक का, बना नाक का बाल" (चर्चा अंक-2634)
पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 25 मई 2017 को लिंक की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंनजर चूकते ही खता हो गई
जवाब देंहटाएंकि लम्हा चुराकर सदी ले गया....
वाह!!!
बहुत सुन्दर...
नज़र चूकते ही ख़ता हो गई
जवाब देंहटाएंकि लम्हा चुरा कर सदी ले गया
वाकई, लाज़बाब!!!