रुख़ पे रौशन जलाल किसका है
ये: मुबारक ख़याल किसका है
कर गया रूह को मुअत्तर जो
वो: गुलाबी रुमाल किसका है
है ज़मीं पर बहार फागुन की
आस्मां पर गुलाल किसका है
दोस्तों को दुआ न दे पाए
इस क़दर तंग हाल किसका है
कल तलक थी शबाब पर महफ़िल
आज घर में मलाल किसका है
आशिक़ी में उरूज है दिल का
आजिज़ी में जवाल किसका है ?
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: रुख़ :मुखाकृति; रौशन: उज्ज्वल, प्रकाशित; जलाल : तेज, प्रताप; मुबारक : शुभ, प्रसन्नता दायक; रूह : आत्मा; मुअत्तर: सुगंधित; शबाब :यौवन; महफ़िल: सभा, गोष्ठी; मलाल : खेद, अवसाद; नसीब वाले : भाग्यवान ; बदल: परिवर्त्तन; कमाल :चमत्कार; आशिक़ी :आवेगपूर्ण प्रेम; उरूज़ : उत्कर्ष; आजिज़ी :असहायता, भावनात्मक पतन।
ये: मुबारक ख़याल किसका है
कर गया रूह को मुअत्तर जो
वो: गुलाबी रुमाल किसका है
है ज़मीं पर बहार फागुन की
आस्मां पर गुलाल किसका है
दोस्तों को दुआ न दे पाए
इस क़दर तंग हाल किसका है
कल तलक थी शबाब पर महफ़िल
आज घर में मलाल किसका है
मुश्किलों में नसीबवाले हैं
इस बदल में कमाल किसका हैआशिक़ी में उरूज है दिल का
आजिज़ी में जवाल किसका है ?
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: रुख़ :मुखाकृति; रौशन: उज्ज्वल, प्रकाशित; जलाल : तेज, प्रताप; मुबारक : शुभ, प्रसन्नता दायक; रूह : आत्मा; मुअत्तर: सुगंधित; शबाब :यौवन; महफ़िल: सभा, गोष्ठी; मलाल : खेद, अवसाद; नसीब वाले : भाग्यवान ; बदल: परिवर्त्तन; कमाल :चमत्कार; आशिक़ी :आवेगपूर्ण प्रेम; उरूज़ : उत्कर्ष; आजिज़ी :असहायता, भावनात्मक पतन।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-03-2016) को "दुखी तू भी दुखी मैं भी" (चर्चा अंक - 2286) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'