जब तक जुनूं-ए-इश्क़ ज़ेह् न पर सवार है
हर नौजवां के पास यही रोज़गार है
समझे थे ख़ैरख्वाह ग़रीबो-हक़ीर सब
मुद्दत हुई वो शख़्स शह्र से फ़रार है
इस दौरे-बदज़नां में वही कामयाब है
जो हाकिमो-वज़ीर का ख़िदमतगुज़ार है
किस बात पर यक़ीन करें शाहे-वक़्त की
हर रेज़:-ए-किरदार अगर दाग़दार है
मत मांगिए हुज़ूर ! न दे पाएंगे इसे
आख़िर दिले-ग़रीब मिरा ग़मगुसार है
मानी-ए-हुस्न फ़क्त यही तो नहीं जनाब
हर कोई आपका ही उम्मीदवार है
क्या ख़ूब अदब है ये किस तरह के हैं अदीब
जिसको भी देखिए वो अना का शिकार है !
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: जुनूं-ए-इश्क़: प्रेमोन्माद; ज़ेह् न: मस्तिष्क; नौजवां: युवा; रोज़गार: आजीविका; ख़ैरख्वाह: शुभचिंतक; ग़रीबो-हक़ीर: निर्धन और अकिंचन लोग; मुद्दत: लंबा समय; शख़्स: व्यक्ति; शह्र; शहर, नगर; फ़रार: पकड़ से दूर; दौरे-बदज़नां: कुकर्मियों के प्रभुत्व का समय; कामयाब: सफल; हाकिमो-वज़ीर: अधिकारियों और मंत्रियों; ख़िदमतगुज़ार: सेवा करते रहने वाला; यक़ीन: विश्वास; शाहे-वक़्त: वर्त्तमान शासक; रेज़:-ए-किरदार: व्यक्तित्व का तंतु; दिले-ग़रीब: निर्बल हृदय; ग़मगुसार: दुःख जानने वाला; मानी-ए-हुस्न: सौन्दर्य का अर्थ;
फ़क्त: मात्र; जनाब: महोदय, श्रीमान; उम्मीदवार: अभिलाषी; अदब: संस्कार, साहित्य; अदीब: साहित्यकार; अना: अहं ।
हर नौजवां के पास यही रोज़गार है
समझे थे ख़ैरख्वाह ग़रीबो-हक़ीर सब
मुद्दत हुई वो शख़्स शह्र से फ़रार है
इस दौरे-बदज़नां में वही कामयाब है
जो हाकिमो-वज़ीर का ख़िदमतगुज़ार है
किस बात पर यक़ीन करें शाहे-वक़्त की
हर रेज़:-ए-किरदार अगर दाग़दार है
मत मांगिए हुज़ूर ! न दे पाएंगे इसे
आख़िर दिले-ग़रीब मिरा ग़मगुसार है
मानी-ए-हुस्न फ़क्त यही तो नहीं जनाब
हर कोई आपका ही उम्मीदवार है
क्या ख़ूब अदब है ये किस तरह के हैं अदीब
जिसको भी देखिए वो अना का शिकार है !
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: जुनूं-ए-इश्क़: प्रेमोन्माद; ज़ेह् न: मस्तिष्क; नौजवां: युवा; रोज़गार: आजीविका; ख़ैरख्वाह: शुभचिंतक; ग़रीबो-हक़ीर: निर्धन और अकिंचन लोग; मुद्दत: लंबा समय; शख़्स: व्यक्ति; शह्र; शहर, नगर; फ़रार: पकड़ से दूर; दौरे-बदज़नां: कुकर्मियों के प्रभुत्व का समय; कामयाब: सफल; हाकिमो-वज़ीर: अधिकारियों और मंत्रियों; ख़िदमतगुज़ार: सेवा करते रहने वाला; यक़ीन: विश्वास; शाहे-वक़्त: वर्त्तमान शासक; रेज़:-ए-किरदार: व्यक्तित्व का तंतु; दिले-ग़रीब: निर्बल हृदय; ग़मगुसार: दुःख जानने वाला; मानी-ए-हुस्न: सौन्दर्य का अर्थ;
फ़क्त: मात्र; जनाब: महोदय, श्रीमान; उम्मीदवार: अभिलाषी; अदब: संस्कार, साहित्य; अदीब: साहित्यकार; अना: अहं ।
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