आप दिल में रहें, दिल रहे न रहे
दर्द सहने के क़ाबिल रहे न रहे
आज हालात अपने मुआफ़िक़ नहीं
कल मगर कोई मुश्किल रहे न रहे
हम मुसाफ़िर, सफ़र है हमारी अना
सामने राहो-मंज़िल रहे न रहे
रक़्स करते हुए होश क़ायम रहें
फिर यही रंगे-महफ़िल रहे न रहे
हम समंदर हदों से गुज़र जाएं तो
नामे-दरिय:-ओ-साहिल रहे न रहे
आप तैयारियां कीजिए कूच की
कल करिश्मा-ए-क़ातिल रहे न रहे
जीत लेंगे शबे-तार को आप हम
शम्ए-माह शामिल रहे न रहे !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: क़ाबिल:योग्य; हालात: अवस्था; मुआफ़िक़: अनुकूल; अना: प्रयास; राहो-मंज़िल: मार्ग एवं लक्ष्य; रक़्स: नृत्य; होश: चेतना; क़ायम: स्थिर; रंगे-महफ़िल: सभा का वातावरण; नामे-दरिय:-ओ-साहिल: नदी और तट का नाम; कूच: धावा; करिश्मा-ए-क़ातिल: हत्यारे का चिह्न; शबे-तार: अमावस्या; शम्ए-माह: चंद्रमा-रूपी दीपिका।
दर्द सहने के क़ाबिल रहे न रहे
आज हालात अपने मुआफ़िक़ नहीं
कल मगर कोई मुश्किल रहे न रहे
हम मुसाफ़िर, सफ़र है हमारी अना
सामने राहो-मंज़िल रहे न रहे
रक़्स करते हुए होश क़ायम रहें
फिर यही रंगे-महफ़िल रहे न रहे
हम समंदर हदों से गुज़र जाएं तो
नामे-दरिय:-ओ-साहिल रहे न रहे
आप तैयारियां कीजिए कूच की
कल करिश्मा-ए-क़ातिल रहे न रहे
जीत लेंगे शबे-तार को आप हम
शम्ए-माह शामिल रहे न रहे !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: क़ाबिल:योग्य; हालात: अवस्था; मुआफ़िक़: अनुकूल; अना: प्रयास; राहो-मंज़िल: मार्ग एवं लक्ष्य; रक़्स: नृत्य; होश: चेतना; क़ायम: स्थिर; रंगे-महफ़िल: सभा का वातावरण; नामे-दरिय:-ओ-साहिल: नदी और तट का नाम; कूच: धावा; करिश्मा-ए-क़ातिल: हत्यारे का चिह्न; शबे-तार: अमावस्या; शम्ए-माह: चंद्रमा-रूपी दीपिका।
रौशनी जिंदगी में मोहब्बत से है
जवाब देंहटाएंवरना रक्खा है क्या चांदनी रात में।
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंkya baat hai... waah
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiya
जवाब देंहटाएंBahut umdaa prastuti !!
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