अपने अंदर बच्चा रह
गुरबानी-सा सच्चा रह
तूफ़ां है पतवार उठा
गिर्दाबों से लड़ता रह
तालाबों में रुकना क्या
दरिया-जैसा बहता रह
सहरा में शबनम बनके
सारी रात बरसता रह
जिन्सों की मंहगाई में
ख़ुशफ़हमी सा सस्ता रह
उर्फ़ हिमाला है तेरा
मक़सद मक़सद ऊंचा रह
मुफ़लिस है लाचार नहीं
सजता और संवरता रह !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: गुरबानी: सिखों का धर्म-ग्रंथ, गुरु की वाणी; गिर्दाब: भंवर; सहरा: मरुस्थल;
शबनम: ओस; जिन्स: वस्तु; उर्फ़: प्रचलित नाम; मक़सद: उद्देश्य; मुफ़लिस: निर्धन।
गुरबानी-सा सच्चा रह
तूफ़ां है पतवार उठा
गिर्दाबों से लड़ता रह
तालाबों में रुकना क्या
दरिया-जैसा बहता रह
सहरा में शबनम बनके
सारी रात बरसता रह
जिन्सों की मंहगाई में
ख़ुशफ़हमी सा सस्ता रह
उर्फ़ हिमाला है तेरा
मक़सद मक़सद ऊंचा रह
मुफ़लिस है लाचार नहीं
सजता और संवरता रह !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: गुरबानी: सिखों का धर्म-ग्रंथ, गुरु की वाणी; गिर्दाब: भंवर; सहरा: मरुस्थल;
शबनम: ओस; जिन्स: वस्तु; उर्फ़: प्रचलित नाम; मक़सद: उद्देश्य; मुफ़लिस: निर्धन।
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