दिल की बातें कमाल की बातें
ख़ूबसूरत ख़याल की बातें
अर्श पे कर रहे हैं सय्यारे
चांद की अल-हिलाल की बातें
कह गए सब सहेलियों में वो:
बेख़ुदी में विसाल की बातें
दिल को कमज़ोर बना देती हैं
फ़िक्रो-रंजो-मलाल की बातें
आख़िरत तक जवान रहती हैं
यार से अर्ज़े-हाल की बातें
शैख़ साहब का दिल धड़कता है
सुन के हुस्नो-जमाल की बातें
झुर्रियां भी बयान करती हैं
हुस्न के माहो-साल की बातें
इस ज़ईफ़ी में क्या सुनाएं हम
अपने जाहो-जलाल की बातें !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: अर्श: आकाश; सय्यारे: नक्षत्र; अल-हिलाल: नए चांद के ठीक ऊपर शुक्र ग्रह के दिखाई पड़ने का दृश्य; विसाल: मिलन; फ़िक्रो-रंजो-मलाल: चिंता, दुःख और क्षोभ; अर्ज़े-हाल: ( प्रेम की ) स्वीकारोक्ति; हुस्नो-जमाल: सौंदर्य और यौवन; माहो-साल: महीने और साल; ज़ईफ़ी: वृद्धावस्था; तेज-प्रताप।
ख़ूबसूरत ख़याल की बातें
अर्श पे कर रहे हैं सय्यारे
चांद की अल-हिलाल की बातें
कह गए सब सहेलियों में वो:
बेख़ुदी में विसाल की बातें
दिल को कमज़ोर बना देती हैं
फ़िक्रो-रंजो-मलाल की बातें
आख़िरत तक जवान रहती हैं
यार से अर्ज़े-हाल की बातें
शैख़ साहब का दिल धड़कता है
सुन के हुस्नो-जमाल की बातें
झुर्रियां भी बयान करती हैं
हुस्न के माहो-साल की बातें
इस ज़ईफ़ी में क्या सुनाएं हम
अपने जाहो-जलाल की बातें !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: अर्श: आकाश; सय्यारे: नक्षत्र; अल-हिलाल: नए चांद के ठीक ऊपर शुक्र ग्रह के दिखाई पड़ने का दृश्य; विसाल: मिलन; फ़िक्रो-रंजो-मलाल: चिंता, दुःख और क्षोभ; अर्ज़े-हाल: ( प्रेम की ) स्वीकारोक्ति; हुस्नो-जमाल: सौंदर्य और यौवन; माहो-साल: महीने और साल; ज़ईफ़ी: वृद्धावस्था; तेज-प्रताप।
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