मेरी आंखों में समंदर वो: नज़र आता है
प्यास लगती है तो दरिया मेरे घर आता है
एक हम ही जहां में राज़ जानते हैं ये:
किस तरह ख़्वाब कोई ज़ेरे-बहर आता है
यक़ीं न हो तो मेरे साथ जाग कर देखो
चांद हर रात मेरी छत पे उतर आता है
मेरी सोहबत का असर आइना बतलाएगा
कैसे रग़-रग़ पे नया नूर निखर आता है
तू सबाबों का सिला बन के मिला है मुझको
देख के तुझको ये: एहसास उभर आता है
मोमिनों ! बाम पे आ जाओ दुआएं पढ़ लो
आसमां से कोई मेहमान इधर आता है
सफ़ में हिर्सो-हवस को दिल से दूर ही रखियो
पाक दामन से दुआओं में असर आता है !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: दरिया: नदी; राज़: रहस्य; ज़ेरे-बहर: छंद की सीमा में; सोहबत: संगति; सबाबों का सिला: पुण्य-कर्मों का फल; एहसास: भाव; मोमिनों: श्रद्धालु-गण; बाम: झरोखा; सफ़: पंक्ति, नमाज़ पढने के लिए लगाई गई; हिर्सो-हवस: ईर्ष्या-द्वेष; पाक दामन: पवित्र हृदय।
प्यास लगती है तो दरिया मेरे घर आता है
एक हम ही जहां में राज़ जानते हैं ये:
किस तरह ख़्वाब कोई ज़ेरे-बहर आता है
यक़ीं न हो तो मेरे साथ जाग कर देखो
चांद हर रात मेरी छत पे उतर आता है
मेरी सोहबत का असर आइना बतलाएगा
कैसे रग़-रग़ पे नया नूर निखर आता है
तू सबाबों का सिला बन के मिला है मुझको
देख के तुझको ये: एहसास उभर आता है
मोमिनों ! बाम पे आ जाओ दुआएं पढ़ लो
आसमां से कोई मेहमान इधर आता है
सफ़ में हिर्सो-हवस को दिल से दूर ही रखियो
पाक दामन से दुआओं में असर आता है !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: दरिया: नदी; राज़: रहस्य; ज़ेरे-बहर: छंद की सीमा में; सोहबत: संगति; सबाबों का सिला: पुण्य-कर्मों का फल; एहसास: भाव; मोमिनों: श्रद्धालु-गण; बाम: झरोखा; सफ़: पंक्ति, नमाज़ पढने के लिए लगाई गई; हिर्सो-हवस: ईर्ष्या-द्वेष; पाक दामन: पवित्र हृदय।
kabhi kabhi aisa likhte ho jaanam
जवाब देंहटाएंke har sher mere dil me utar jata he.
baah kya khoooooob likha. j.n.mishra-9425603364.