आपको हर ख़ुशी मुबारक हो
हमको फ़ाक़ाकशी मुबारक हो
शहर सैलाब ने मिटा डाला
मौत को ज़िंदगी मुबारक हो
उम्र है ख़्वाब हैं ज़राए हैं
आपको आशिक़ी मुबारक हो
हम यहां दिल जलाए बैठे हैं
उनको ज़िंदादिली मुबारक हो
हम मुसाफ़िर हमारा फ़र्ज़ सफ़र
राह कांटों-भरी मुबारक हो
जिस्म बदकार हुए जाते हैं
रूह की ख़ुदकुशी मुबारक हो
जब तलक ताज-तख़्त क़ायम हैं
शाह को ज़िंदगी मुबारक हो !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: फ़ाक़ाकशी: भुखमरी; सैलाब: बाढ़; ज़राए: बहुत-से साधन; बदकार: कुकर्मी।
हमको फ़ाक़ाकशी मुबारक हो
शहर सैलाब ने मिटा डाला
मौत को ज़िंदगी मुबारक हो
उम्र है ख़्वाब हैं ज़राए हैं
आपको आशिक़ी मुबारक हो
हम यहां दिल जलाए बैठे हैं
उनको ज़िंदादिली मुबारक हो
हम मुसाफ़िर हमारा फ़र्ज़ सफ़र
राह कांटों-भरी मुबारक हो
जिस्म बदकार हुए जाते हैं
रूह की ख़ुदकुशी मुबारक हो
जब तलक ताज-तख़्त क़ायम हैं
शाह को ज़िंदगी मुबारक हो !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: फ़ाक़ाकशी: भुखमरी; सैलाब: बाढ़; ज़राए: बहुत-से साधन; बदकार: कुकर्मी।
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