तेरा ख़याल हमारी नज़र में रहता है
वो: ख़ुशनसीब फ़रिश्तों के घर में रहता है
बहार जिसकी धुन में दर-ब-दर भटकती है
वो: नौजवान हमारे शहर में रहता है
बहक चुका है मेरा यार इक ज़माने से
न जाने कौन सी मै के असर में रहता है
उसे बताओ के: किरदार के मानी क्या हैं
ग़लत वजह से हमेशा ख़बर में रहता है
वो: शम्'अ हम नहीं तूफ़ां जिसे बुझा डाले
हमारा नूर तो माह-ओ-मेह् र में रहता है।
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: फ़रिश्ता: पंखों वाला देवदूत; मै: मदिरा; किरदार: समग्र व्यक्तित्व, चरित्र; नूर: प्रकाश; माह-ओ-मेह् र: चन्द्र एवं सूर्य।
वो: ख़ुशनसीब फ़रिश्तों के घर में रहता है
बहार जिसकी धुन में दर-ब-दर भटकती है
वो: नौजवान हमारे शहर में रहता है
बहक चुका है मेरा यार इक ज़माने से
न जाने कौन सी मै के असर में रहता है
उसे बताओ के: किरदार के मानी क्या हैं
ग़लत वजह से हमेशा ख़बर में रहता है
वो: शम्'अ हम नहीं तूफ़ां जिसे बुझा डाले
हमारा नूर तो माह-ओ-मेह् र में रहता है।
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: फ़रिश्ता: पंखों वाला देवदूत; मै: मदिरा; किरदार: समग्र व्यक्तित्व, चरित्र; नूर: प्रकाश; माह-ओ-मेह् र: चन्द्र एवं सूर्य।
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंखुश कीत्ता
सादर