मेरी नज़रों से खो गई दुनिया
बस, पराई - सी हो गई दुनिया
थक गई जब सता-सता के मुझे
मेरे शानों पे सो गई दुनिया
ख़ुद ही उलझी हुई कहानी थी
मुझ पे इल्ज़ाम हो गई दुनिया
चैन पाया न किसी भी करवट
इतने कांटे चुभो गई दुनिया
'अलविदा' कह के मुस्कुरा क्या दी
मेरी पलकें भिगो गई दुनिया।
( 2012 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शानों पे: कंधों पर।
बस, पराई - सी हो गई दुनिया
थक गई जब सता-सता के मुझे
मेरे शानों पे सो गई दुनिया
ख़ुद ही उलझी हुई कहानी थी
मुझ पे इल्ज़ाम हो गई दुनिया
चैन पाया न किसी भी करवट
इतने कांटे चुभो गई दुनिया
'अलविदा' कह के मुस्कुरा क्या दी
मेरी पलकें भिगो गई दुनिया।
( 2012 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शानों पे: कंधों पर।
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