दुश्मनों से लिपटना बुरी बात है
दोस्तों से सिमटना बुरी बात है
शोख़ियों के सहारे किसी शख़्स की
बाज़िए -दिल उलटना बुरी बात है
एक दिन भी जुदाई बड़ी चीज़ है
हिज्र में उम्र कटना बुरी बात है
वस्ल के वक़्त वादा-ख़िलाफ़ी न कर
पास आकर पलटना बुरी बात है
जज़्ब जज़्बात को कीजिए नफ़्स में
दिल सरे-राह लुटना बुरी बात है
हाले-दिल दोस्तों को सुनाते रहें
ग़म से तन्हा निबटना बुरी बात है
हमक़दम बन सको तो चलो साथ में
हर क़दम पर घिसटना बुरी बात है !
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शोख़ियों: चपलताओं; शख़्स : व्यक्ति ; बाज़िए-दिल : मन का दांव ; जुदाई : अलग होना ; हिज्र : वियोग ; वस्ल : मिलन ; वादा-ख़िलाफ़ी : वचन भंग ; जज़्ब : विलीन ; जज़्बात : भावनाओं ; नफ़्स : श्वास; सरे-राह : मार्ग के मध्य ; हाले-दिल : मन की स्थिति ; तन्हा : अकेले ; हमक़दम : पग-पग पर साथ देने वाला ।
दोस्तों से सिमटना बुरी बात है
शोख़ियों के सहारे किसी शख़्स की
बाज़िए -दिल उलटना बुरी बात है
एक दिन भी जुदाई बड़ी चीज़ है
हिज्र में उम्र कटना बुरी बात है
वस्ल के वक़्त वादा-ख़िलाफ़ी न कर
पास आकर पलटना बुरी बात है
जज़्ब जज़्बात को कीजिए नफ़्स में
दिल सरे-राह लुटना बुरी बात है
हाले-दिल दोस्तों को सुनाते रहें
ग़म से तन्हा निबटना बुरी बात है
हमक़दम बन सको तो चलो साथ में
हर क़दम पर घिसटना बुरी बात है !
(2016)
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: शोख़ियों: चपलताओं; शख़्स : व्यक्ति ; बाज़िए-दिल : मन का दांव ; जुदाई : अलग होना ; हिज्र : वियोग ; वस्ल : मिलन ; वादा-ख़िलाफ़ी : वचन भंग ; जज़्ब : विलीन ; जज़्बात : भावनाओं ; नफ़्स : श्वास; सरे-राह : मार्ग के मध्य ; हाले-दिल : मन की स्थिति ; तन्हा : अकेले ; हमक़दम : पग-पग पर साथ देने वाला ।
अति सुंदर ग़ज़ल...
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