उसका चेहरा दुआओं जैसा है
सुब्हे-नौ की शुआओं जैसा है
तिफ़्ले-मासूम की तबस्सुम-सा
दिल तेरा देवताओं जैसा है
उस हसीं की अज़ान का जादू
दर्दे-दिल की दुआओं जैसा है
'आप' क्या कीजिए सियासत में
ये: शहर बेवफ़ाओं जैसा है
तू ज़ुलैख़ा तो हम भी यूसुफ़ हैं
रंग बेशक़ घटाओं जैसा है
भेस जिसका फ़क़ीर जैसा है
अज़्म उसका ख़ुदाओं जैसा है
बेवजह अर्शे-नुहुम तक दौड़े
देस उसका ख़लाओं जैसा है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: सुब्हे-नौ: नई प्रात: ; शुआ: किरण; तिफ़्ले-मासूम: अबोध शिशु; तबस्सुम: मुस्कुराहट; ज़ुलैख़ा-यूसुफ़:मिथकीय चरित्र,
संसार के सुंदरतम मनुष्य; भेस: वेश; फ़क़ीर: सन्यासी; अज़्म: महत्ता; अर्शे-नुहुम: नौवां आकाश, स्वर्ग-द्वार; ख़ला: निर्जन स्थान।
सुब्हे-नौ की शुआओं जैसा है
तिफ़्ले-मासूम की तबस्सुम-सा
दिल तेरा देवताओं जैसा है
उस हसीं की अज़ान का जादू
दर्दे-दिल की दुआओं जैसा है
'आप' क्या कीजिए सियासत में
ये: शहर बेवफ़ाओं जैसा है
तू ज़ुलैख़ा तो हम भी यूसुफ़ हैं
रंग बेशक़ घटाओं जैसा है
भेस जिसका फ़क़ीर जैसा है
अज़्म उसका ख़ुदाओं जैसा है
बेवजह अर्शे-नुहुम तक दौड़े
देस उसका ख़लाओं जैसा है !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
शब्दार्थ: सुब्हे-नौ: नई प्रात: ; शुआ: किरण; तिफ़्ले-मासूम: अबोध शिशु; तबस्सुम: मुस्कुराहट; ज़ुलैख़ा-यूसुफ़:मिथकीय चरित्र,
संसार के सुंदरतम मनुष्य; भेस: वेश; फ़क़ीर: सन्यासी; अज़्म: महत्ता; अर्शे-नुहुम: नौवां आकाश, स्वर्ग-द्वार; ख़ला: निर्जन स्थान।
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